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लोकल वहीं के 400 जवान भर्ती करेगी सीआरपीएफ, 8वीं पास भी जाएंगे……. ऐसा पहली बार:

डेक्स    –  सीआरपीएफ में पहली बार ऐसा होगा, जब बस्तर में तैनाती के लिए वहीं के लोकल जवानों की भर्ती की जाएगी। सीआरपीएफ ने दक्षिण बस्तर के दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा जिले में वहीं के 400 जवानों की भर्ती का फैसला किया है। इसके लिए नियम बदले गए हैं और केंद्र सरकार ने मंजूरी भी दे दी है।

इस भर्ती प्रक्रिया में सीआरपीएफ केवल इन जिलों के मूल जनजातीय युवाओं को ही मौका देगी। यह प्रस्ताव पिछले साल भेजा गया था, जिसपर मंजूरी हाल में आई है। खास बात ये है कि बस्तर में होने वाली इस भर्ती के लिए सीआरपीएफ ने जवानों की शैक्षणिक अर्हता भी कम कर दी है।

इस फोस में भर्ती के लिए 10वीं पास होना अनिवार्य है। लेकिन केवल बस्तर के इन तीन जिलों में 8वीं पास युवाओं को भी केंद्रीय फोर्स में लिया जाएगा। पिछले साल सुकमा एसपी सुनील शर्मा ने इस तरह का प्रस्ताव उच्चस्तर पर भेजा था, जिसे प्रदेश सरकार की ओर से आगे बढ़ाया गया।

इसके लिए प्रयास कर रहे थे कि जिस तरह कश्मीर में आर्मी में वहीं के युवा भर्ती किए जा रहे हैं, उसी तरह सीआरपीएफ में भी स्थानीय युवाओं की भर्ती की जाए। कश्मीर में स्थानीय युवाओं को आर्मी में भरने का काफी फायदा मिल रहा है।

इससे लोगों को रोजगार तो मिला ही है, फोर्स को दुश्मनों का मुकाबला करने में भी आसानी हुई है, क्योंकि स्थानीय होने के कारण उनकी भौगोलिक जानकारी बेहतर रहती है। कुछ अरसा पहले सीआरपीएफ में बस्तर बटालियन बनाई थी, लेकिन उसमें बस्तर के सभी सात जिलों से जवान भर्ती हुए थे। फिलहाल नक्सलियों की सक्रिया दक्षिण बस्तर और लगे इलाके में ज्यादा है, इसलिए इस बार ठीक उन्हीं जिलों के जवान भर्ती किए जाने वाले हैं।

जहां नक्सली ज्यादा, वहां के युवा होंगे शामिल
सबसे ज्यादा सुकमा, बीजापुर और दंतेवाड़ा इलाके में नक्सली सक्रिय हैं। यह नक्सलियों का कोर इलाका है। इसलिए सीआरपीएफ इन्हीं तीन जिलों में फोकस करके वहीं से भर्ती कर रही है। बड़े नक्सल नेता फिलहाल इन्हीं इलाकों में सक्रिय हैं। यहां घने जंगलों में सीआरपीएफ कैंप सबसे ज्यादा हैं और अधिकांश कोर इलाके में हैं।

इसलिए यहां सर्चिंग आपरेशंस के लिए सीआरपीएफ को ऐसे लोगों की जरूरत है, जो स्थानीय स्तर पर भौगोलिक स्थिति से अच्छी तरह परिचित हों, ताकि कोर एरिया में सुरक्षित व कारगर सर्चिंग अभियान चलाए जा सकें।

बस्तर बटालियन के साथ नया विकल्प भी
सुकमा के रोजगार दफ्तर में आठवीं पंजीयन युवाओं की संख्या 420 है। इसके अलावा छिंदगढ़ में 691 और कोंटा में 433 हैं। इनमें महिलाओं को शामिल करें, तो कोंटा में 146 महिला, छिंदगढ़ में 309 महिला और सुकमा में 266 महिला आठवीं पास पंजीकृत हैं।

वहीं दसवीं की संख्या देखें तो कोंटा में 545 युवा, छिंदगढ़ में 920 युवा और सुकमा में 541 युवा दसवीं पास पंजीकृत हैं। महिला में कोंटा से 218, छिंदगढ़ से 421 और सुकमा से 314 पंजीकृत दसवीं पास हैं। ये लोग बस्तर बटालियन के लिए भी तैयारी कर रहे हैं। अब इनके पास सीआरपीएफ का भी विकल्प होगा।

केंद्र ने लिया फैसला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई थी। इसमें गृह मंत्रालय के इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इसमें कहा गया है कि गृह मंत्रालय ने दक्षिण छत्तीसगढ़ के तीन जिलों बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा से सीआरपीएफ में कांस्टेबल (सामान्य सेवा) के रूप में 400 उम्मीदवारों की भर्ती के लिए जरूरी न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता में छूट मांगी है। इसमें 8वीं कक्षा में उत्तीर्ण युवाओं को शामिल किए जाने का भी प्रस्ताव है। यह कहा गया है कि भर्ती के बाद इन युवाओं की ओपन स्कूल से 10वीं की पढ़ाई करवा ली जाएगी। इस आधार पर कैबिनेट ने यह प्रस्ताव मंजूर कर लिया।

लोकल विंग डीआरजी की कामयाबी के बाद सीआरपीएफ में यही प्रयोग
इसके लिए नियम बदले गए, जिसे केंद्र सरकार ने भी दे दी मंजूरी

akhilesh

Chief Reporter

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