छत्तीसगढ़

आरक्षक भर्ती प्रक्रिया स्थगित,गृहमंत्री ने प्रक्रिया रोकने दिए आदेश

राजनांदगांव। राज्य सरकार ने राजनांदगांव में आरक्षक भर्ती में फर्जीवाड़े की शिकायत के बाद पूरी प्रक्रिया को स्थगित कर दिया है। गृहमंत्री विजय शर्मा ने भर्ती में गड़बड़ी की गंभीर शिकायतों के बाद पूरी प्रक्रिया रोकने के आदेश दिए हैं। साथ ही पूरे मामले की जांच कर दोषी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए है। गृहमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्चस्तर की जांच कराई जा रही है। भर्ती प्रक्रिया को पूरी पारदर्शिता से किया जाएगा।

इस फर्जीवाडे़ में संलिप्त किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। बता दें कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस भर्ती मामले को गंभीरता से लेते हुए बता दें कि राजनांदगांव जिले में करीब 528 आरक्षकों के भर्ती की प्रक्रिया चल रही थी। यह मामला तक सुर्खियों में आया जब इस पूरे मामले में संलिप्त एक आरक्षक अनिल रत्नाकर के आत्महत्या करने की घटना सामने आई। इस मामले में 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

इंचार्ज व बड़े अफसरों से अब तक पूछताछ नहींपत्रिका ब्यूरो @ राजनांदगांव . आरक्षक भर्ती में गड़बड़ी के मामले में अभी तक सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसमें एकआरक्षक, इवेंट कंपनी हैदाराबाद के 2 कर्मचारी व एक अभ्यर्थी को शामिल है। वहीं गड़बड़ी में शामिल एक आरक्षक ने फांसी लगाकर आत्म हत्या कर ली है। इस मामले में बड़ा सवाल यह है कि पुलिस द्वारा आरक्षकों और एक अभ्यर्थी की गिरफ्तारी की गई है, लेकिन अब तक भर्ती प्रक्रिया के इंचार्ज किसी भी उच्च अधिकारियों से न तो पूछताछ की गई है और न ही किसी की गिरफ्तारी हुई है।

उच्चाधिकारियों के संरक्षण के बिना गड़बड़ी कैसे?

इस पूरी प्रक्रिया मेंं गड़बड़ी के बीच कुछ उच्च अधिकारियों भूमिका की बात भी कही जा रही है। क्योंकि उच्च अधिकारियों के संरक्षण के बिना आरक्षक व इवेंट कंपनी के कर्मचारी गड़बड़ी नहीं कर सकते। फिलहाल यह मामला अब एसआईटी के हवाले है। एसआईटी की जांच में मामले का पूरा खुलासा होने की संभावना जताई जा रही है।

एसआईटी का हो चुका है गठन

पुलिस आरक्षक भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी का खुलासा होने के बाद राज्य सरकार ने भर्ती प्रक्रिया रद्द कर दी है। वहीं इस मामले की जांच करने राजनांदगांव रेंज के आईजी दीपक कुमार झा ने एसआईटी का गठन किया है और 10 दिन में रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं। जानकारी के अनुसार भर्ती में करीब 3 हजार अभ्यर्थियों के अंकों की गलत एंट्री करने का खुलासा हुआ है। वहीं इस मामले में गड़बड़ी में शामिल एक आरक्षक ने फांसी लगाकर आत्महत्या भी कर ली है। इस पूरे घटनाक्रम के बाद विपक्षी दल कांग्रेस भाजपा सरकार पर लगातार हमला कर रही है।
ऐसे हुआ खुलासा

राजनांदगांव स्थित बटालियन में 16 नवम्बर से 528 पदों पर पुलिस भर्ती की प्रक्रिया शुरू हुई थी। जिसमें फिजिकल टेस्ट के दौरान नंबरों में गड़बड़ी का खुलासा हुआ था। भर्ती प्रक्रिया के फिजिकल टेस्ट व गोला फेंक प्रभारी डीएसपी तनुप्रिया ठाकुर ने मामले की लालबाग थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। दरअसल भर्ती प्रक्रिया में तनुप्रिया की ड्यूटी शारीरिक दक्षता परीक्षा में लगी थी। बैच नंबर 1 के सरल कमांक 17 चेस्ट नंबर 1261 अभ्यर्थी का नाम मीना गोला फेंक इवेंट में 20 अंक होना व 8.117 मीटर रिकॉर्ड दर्ज है। जबकि इवेंट के दौरान किसी भी अभ्यर्थी द्वारा 20 अंक प्राप्त नहीं किया गया था। जिस पर प्रार्थिया डीएसपी तनुप्रिया को शंका हुई। इस आधार पर तकनीकी गड़बड़ी को लेकर जांच शुरू की गई है।

राजनांदगांव में आरक्षक भर्ती

16 नवंबर से भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई
15 दिसंबर को गड़बड़ी उजागर, एफआईआर दर्ज
18 दिसम्बर को एक आरक्षक ने आत्महत्या कर ली
19 दिसंबर को 4 आरक्षक, हैदराबाद के इवेंट कंपनी के 2 कर्मचारी गिरफ्तार
20 दिसंबर को अभ्यर्थी मीना पात्रे गिरफ्तार
25 दिसंबर को भर्ती निरस्त करने की घोषणा
3000 अभ्यर्थियों के नंबर में गड़बड़ी सामने आई है

akhilesh

Chief Reporter

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