छत्तीसगढ़

CG NEWS : राज्य में भ्रष्टाचार का नया मामला ; प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना में 2 करोड़ रुपए राजस्व का गबन!

रायपुर। CG NEWS : सुशासन की सरकार जहाँ एक ओर पूरे प्रदेश में बचत उत्सव मना रही है, वहीं दूसरी ओर स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लग रहे हैं। मामला प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के अंतर्गत एल्यूमीनियम कुकर एवं बर्तनों की आपूर्ति से जुड़ा है।

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, स्कूल शिक्षा विभाग, छत्तीसगढ़ द्वारा निविदा क्रमांक GEM/2025/8/6513185 4 अगस्त 2025 को जारी की गई थी। इस निविदा के तहत एल्यूमीनियम कुकर और अन्य बर्तनों की आपूर्ति के लिए अंतिम तिथि 29 अगस्त 2025 दोपहर 3:00 बजे निर्धारित की गई थी।

CG NEWS : इस बीच 3 सितंबर 2025 को भारत की वित्त मंत्री द्वारा GST 2.0 की घोषणा की गई, जिसे 22 सितंबर 2025 से पूरे देश में लागू किया गया। नई कर व्यवस्था के तहत बर्तनों पर लगने वाले GST की दर 12% से घटाकर 5% कर दी गई, जिससे बर्तनों की दरों में सीधे 7% की कमी आई।

लेकिन हैरानी की बात यह है कि GST 2.0 लागू होने के बाद भी, विभागीय अधिकारियों ने 22 सितंबर 2025 शाम 5:00 बजे उसी पुरानी दर पर क्रयादेश जारी कर दिया। न तो निविदा को निरस्त किया गया, न ही नई दरों के अनुरूप रिवर्स बिडिंग (RA) प्रक्रिया अपनाई गई, और न ही 7% की कर कमी का लाभ सरकारी खजाने को दिया गया।

विभाग द्वारा निविदा में जमा की गई दर 30,27,40,238.00 (तीस करोड़ सत्ताईस लाख चालीस हजार दो सौ अड़तीस रुपए) के आधार पर ही पूरा क्रयादेश जारी किया गया। इस प्रक्रिया से लगभग 2 करोड़ रुपए के सरकारी राजस्व की हानि हुई है।

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जानकारों का कहना है कि यह सीधा-सीधा भ्रष्टाचार का मामला है, जिसमें विभाग के कुछ अधिकारी व्यापारियों के साथ मिलकर सरकारी धन की बंदरबांट कर रहे हैं। जनता को राहत देने के उद्देश्य से घटाई गई GST दर का लाभ न तो शासकीय खाते में गया, न ही लाभार्थियों तक पहुँचा।

CG NEWS : प्रदेश में सुशासन और पारदर्शिता की बात करने वाली सरकार के लिए यह मामला गंभीर है। अब देखना यह होगा कि मुख्यमंत्री और शिक्षामंत्री इस पूरे घोटाले की जांच करवाकर दोषियों पर क्या कार्रवाई करते हैं। वही अब बड़ा सवाल उठता दिख रहा है. आखिर, इस तरह नियमों को तक में रखकर विभाग के आला अधिकारी किसे लाभ पहुंचाने का खेल-खेल रहे हैं.

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