मनमानी ट्यूशन फीस वसूलने का मामला, हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और निजी स्कूलों को नोटिस जारी कर मांगा जवाब…
अमित दुबे – रायपुर | ट्यूशन फीस की मनमानी वसूली को लेकर हाईकोर्ट में याचिका स्वीकृत हो गई है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और निजी स्कूलों को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने जवाब देने के लिए 6 हफ्ते का समय दिया है। पालक प्रीति उपाध्याय ने अपनी याचिका में कहा है कि हाईकोर्ट के आदेश को गलत तरीके से परिभाषित कर निजी स्कूलों द्वारा पालकों से मनमाने ट्यूशन फीस वसूला जा रहा है। पालकों ने इसकी शिकायत शिक्षा विभाग से की थी, लेकिन उन्हें न्याय नहीं मिली।
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के आदेश जारी करने के बाद निजी स्कूलों की ओर से छात्रों के परिजनों से ट्यूशन फीस लिया जा रहा है। वहीं अब स्कूलों द्वारा की जा रही फीस वसूली को लेकर परिजन लगातार आरोप लगा रहा है कि निजी स्कूल ट्यूशन फीस के नाम पर अब पूरी फीस वसूल करने लगे है। जिसको लेकर अब राजधानी रायपुर की पूर्व बैंकर प्रीति उपाध्याय ने निजी स्कूलों की ओर से ट्यूशन फीस के नाम पर मोटी फीस वसूली के खिलाफ बिलासपुर उच्च न्यायालय में गुहार लगाई है। जिसपर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने शासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 6 हफ्ते बाद दोबारा होगी। बता दें कि, हाल ही में बिलासपुर उच्च न्यायालय ने निजी स्कूलों को राहत देते हुए उन्हें ट्यूशन फीस लेने की अनुमति दे दी थी, लेकिन परिजनों का आरोप है कि अब इसी आदेश के आड़ में निजी स्कूलों ने उच्च न्यायालय के आदेश पर पालकों को गुमराह करते हुए मोटी फीस वसूली शुरू कर दी है। पूरे मामले में याचिकाकर्ता प्रीति उपाध्याय ने अपनी याचिका में एक कमेटी के गठन की मांग उठाई है, जो निजी स्कूलों द्वारा की जा रही फीस वसूली पर नजर रखेगी और तय करेगी कि निजी स्कूलों को कितनी फीस वसूल करनी है।याचिका में ट्यूशन फीस को परिभाषित करने की भी मांग उठाई गई है। दो बच्चों की पालक प्रीति उपाध्याय का अपनी याचिका में कहा है, कि 8 घण्टे का स्कूल मोबाइल पर डेढ़ घण्टे में निपटाया जा रहा है। अब मामले पर 6 हफ्ते बाद दोबारा जस्टिस पी.सेम कोशी की सिंगल बेंच में सुनवाई होगी।