स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय टेकाम का बड़ा बयान, कहा- छत्तीसगढ़ में DJ-लाउडस्पीकर के माध्यम से होगी स्कूलों में पढ़ाई
रायपुर | छत्तीसगढ़ में शिक्षा विभाग बच्चों की पढ़ाई जारी रखने के लिए वैकल्पिक इंतजामों पर विचार कर रहा है। इस संबंध में स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय टेकाम का बयान सामने आया है। मंत्री टेकाम ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण स्कूल बंद है, पढ़ाई जारी रखने वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है। नेटवर्क विहीन क्षेत्रों में DJ-लाउडस्पीकर के माध्यम से पढ़ाई कराई जाएगी।
लाउडस्पीकर से स्कूलों में पढ़ाई-
प्रदेश में ऑनलाइन पढ़ाई में आ रही दिक्कतों का नया हल निकाला गया है। इसके वैकल्पिक निदान व कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए अब लाउडस्पीकर से स्कूलों में पढ़ाई कराई जाएगी। राज्य सरकार के फैसले के मुताबिक अब सभी जिलों की प्रत्येक पंचायत में कम से कम एक स्कूल में इस योजना पर एक सप्ताह के भीतर अमल करना होगा। शिक्षा विभाग को उम्मीद है कि राज्य की दस हजार ग्राम पंचायतों में करीब दस लाख बच्चे लाउडस्पीकर से पढ़ाई कर सकेंगे।
बस्तर और महासमुंद के ग्रामीण इलाकों यह प्रयोग सफल रहा-
पंचायत द्वारा बच्चों की पढ़ाई के लिए ग्रामों में उपलब्ध लाउडस्पीकर या डीजे वालों से सहयोग लेकर साउंड बॉक्स उपलब्ध करवाए जाएंगे। लाउडस्पीकर से शिक्षक बच्चों को पढ़ाना शुरू करेंगे। बच्चे अपने अपने घर या छोटे-छोटे समूहों में बैठकर ध्यान से पाठों को सुनकर नोट करेंगे। ऐसी कक्षाएं हर दिन राज्यगीत के साथ प्रारंभ होंगी। बस्तर और महासमुंद के ग्रामीण इलाकों यह प्रयोग सफल भी रहा है।
शिक्षा मंत्री ने ली रिपोर्ट-
स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने शनिवार को राजधानी में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बस्तर जिले में इस योजना को शुरू करने को लेकर अधिकारियों से रिपोर्ट ली। डॉ. टेकाम ने बताया कि बस्तर जिले में लाउडस्पीकर से 56 पंचायतों में पढ़ाई प्रारंभ हो चुकी है। छत्तीसगढ़ में कोविड-19 के दौरान बच्चों की पढ़ाई जारी रखने यह मॉडल बनेगा। यह ऑनलाइन पढ़ाई की वैकल्पिक व्यवस्था है।
ऐसे होगी पढ़ाई-
स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रेस साय ने इस सिस्टम को लागू करवाने अफसरों को निर्देश दिए हैं। लाउडस्पीकर से बच्चों को होमवर्क दिए जाते हैं। जोड़ी में शिक्षक गांव में घूमकर बच्चों को पढ़ते हुए देख सकते हैं। गांव में भी बच्चों की कक्षाएं नियमित लग रही है या नहीं, पूरे गाँव को पता चल जाता है। बस्तर जिले में एक सप्ताह में 11 पंचायतों से बढ़कर 56 पंचायतों ने लाउडस्पीकर स्कूलों को प्रारंभ कर लिया है। राज्य में लगभग दस हजार पंचायतें हैं। अगर सभी पंचायतें आगे बढ़कर योजना को लागू करती हैं तो प्रदेश के लाखों बच्चों का सीखना इस मॉडल से जारी रखा जा सकता है।