घर में था पिता का शव, बेटा पहुंचा 10वीं बोर्ड परीक्षा देने
जशपुर। मानवीय भावनाओं को झगझोर देने वाली यह घटना खूंटीटोली किनकेल गांव की है। दरअसल सोमवार से 10वीं अंग्रेजी माध्यम की बोर्ड परीक्षा प्रारंभ हो गई है। लेकिन परीक्षा के ठीक एक दिन पहले पिता की मौत हो जाने से हितेश व उसके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। ऐसे में परीक्षा की तैयारी संभव नहीं था। सोमवार को परीक्षा का पहला पेपर था।
इधर घर में पिता का शव पड़ा हुआ था लेकिन बेटा दसवीं बोर्ड की परीक्षा लिखने परीक्षा सेंटर पहुंचा था। हितेश ने बताया मेरे पिता महावीर राम ग्राम साकोना स्कूल में प्रधानपाठक के पद पर पदस्त थे। मेरे पिता ने कहा था दसवीं बोर्ड में अच्छे अंको से पास होना है। इसलिए मैने शोक की इस घड़ी में भी उनके सपनो को साकार करने, इरादा मजबूत करके परीक्षा देने पहुंचा हूं।
परिजनों ने बताया कि रविवार को महावीर राम मोटर सायकल से खुटीटोली से जशपुर नगर के लिए रवाना हुए थे, और रास्ते में ग्राम किनकेल घाटी के ढलान के तरफ उतर रहे थे उसी दौरान पहले मोड़ के रास्ते में बालू पड़ा हुआ था और वहां सड़क में ही दो व्यक्ति की आपस में बहस चल रही थी।
जिन्हें साइड लेने के दौरान प्रधान पाठक सड़क किनारे करीब पांच फिट गहरे गड्ढे में गिर गए। इस हादसे में उनके सिर पर गंभीर चोटे आईं। उनके कान और नाक से रक्त बहने लगा घायल को आनन-फानन में जिला अस्पताल जशपुर लाया गया। यहां उपचार के दौरान प्रधान पाठक महावीर राम की मौत हो गई।
इससे उनके परिवार में एक ओर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा, वही प्रधान पाठक के बेटे हितेश विश्वकर्मा ने पिता का शव घर में पड़े होने के बावजूद अपने पिता द्वारा अच्छे अंकों से बोर्ड परीक्षा पास करने की कही बात को याद करके भावुक हो गया और हिमत करके परीक्षा देने पहुंच कर एक अलग ही मिशाल पेश किया।