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करंट की चपेट में आ कर अचेत हुआ हाथी चार दर्जन केला और 40 टेबलेट खा कर होश में आया

जशपुर नगर। करंट की चपेट में आ कर अचेत हुआ हाथी,14 घण्टे के बाद स्वस्थ्य हो कर जंगल की ओर चला गया। करंट की झटके से बेहोशी की हालत में खड़े हुए हाथी को सामान्य अवस्था मे लाने में वन और पशु चिकित्सा विभाग के पसीने छूट गए। पशु चिकित्सक डॉ सुधीर मिंज ने बताया कि 11 केव्ही करंट का झटका लगने से हाथी शुरू में बेहोश हो गया था। कुछ देर में उसे होश तो आ गया,लेकिन दिमाग और शरीर सुन्न हो जाने से वह हिलडुल नहीं पा रहा था।

हाथी की जान बचाने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी उसे पानी पिलाना था,ताकि उसे डिहाइड्रेशन न हो। पानी की व्यवस्था की जा रही थी। इस बीच उसे 4 दर्जन केला,केला के पत्ते और तना खाने के लिए दिया गया। केला में पानी की मात्रा अधिक होती है। इसे खाने से हाथी के शरीर मे पानी की कमी नही हो पाई और शरीर को मिली ठंडक ने उसके शरीर और दिमाग को राहत भी पहुँचाया।

हाथी ने खाये ईविल के 40 टेबलेट
करंट से पीड़ित हाथी को शाक की स्थिति से बाहर निकालने के लिए पशु चिकित्सको ने उसे एविल और दर्द से राहत देने वाली टेबलेट देने का निर्णय किया। सबसे बड़ी चुनोती,हाथी को इन दवाओं को खिलाने की थी। क्योंकि हाथी शाक की स्थिति में खड़ा हुआ था,बेहोश नही था। दवा खिलाने के दौरान उसके आक्रमण का खतरा था। वन कर्मियों ने मशक्कत के बाद केले में मिला कर हाथों को एविल और दर्द निवारक 40 टेबलेट खिलाया। टेबलेट खाने के दो घण्टे के बाद ही हाथी शाक की स्थिति से बाहर निकल और चिंघाड़ता हुआ,जंगल के अंदर चला गया। हाथी के सुरक्षित जंगल लौटने से वन और पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों ने राहत की सांस ली।

यह थी पूरी घटना जानकारी के लिए बता दें कि रविवार की तड़के दल से अलग हो कर भटक रहा एक नर हाथी,जिले के तपकरा रेंज के गांव में बिजली के खम्बे को तोड़ने के चक्कर मे करंट की चपेट में आ कर बेहोश हो गया था। होश में आने के बाद यह हाथी जंगल के किनारे अवचेतन अवस्था मे 14 घण्टे तक खड़े रह गया था। इस दौरान वह चल फिर नहीं पा रहा था। हाथी को देखने के लिए घटना स्थल पर भारी भीड़ जुट गई थी। इसे नियंत्रीत करना भी अधिकारियों के लिए कठिन हो रहा था

होश में आते ही किया टैंकर पर हमला
दवा के असर से हाथी को कुछ ही घण्टे में होश आया आ गया। सामान्य स्थिति में आते ही गजराज ने अपने पास खड़े हुए पानी के टैंकर को निशाना बनाया। अपने दांत से जोर से धक्का देकर उसे पलट दिया। हाथी के इस आक्रामक रूप को देख मौके पर उपस्थित वन और पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। सब जान बचाने के लिए इधर उधर भागने लगे। इस दौरान हाथी,तेजी से दौड़ते हुए जंगल के अंदर घुस गया। किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई।

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