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महंगी हुई बिजली,17 फीसदी तक बढ़ेगा ऊर्जा प्रभार ; छत्तीसगढ़

रायपुर –  छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र चल रहा है. आज विधानसभा सत्र के दौरान रेडी टू ईट फूड सप्लाई के मुद्दे पर सत्ता और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई. इसके अलावा भी प्रदेश में सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे को लेकर भी विपक्ष ने सरकार को जमकर घेरा. इस बीच सरकार ने छत्तीसगढ़ विधुत शुल्क संसोधन विधेयक-2022 पास करा लिया. इससे अब प्रदेश में 17 फीसदी तक ऊर्जा प्रभार बढ़ जाएगा.

इस तरह हुई ऊर्जा प्रभार में बढ़ोतरी –

घरेलू उपभोक्ता- 8% प्रतिशत से बढ़ाकर 11% किया गया
गैर घरेलू उपभोक्ता- 12% प्रतिशत से बढ़ाकर 17% किया गया

उद्योग के लिए इस तरह हुई बढ़ोतरी –

सीमेंट उद्योग- 15% से बढ़ाकर 21% किया गया।

25 हॉर्सपावर तक के एलटी उद्योगों- 3% से बढ़ाकर 4% किया गया।

मिनी स्टील प्लांट और फेरो एलॉयज इकाईयों के लिए- 6% से बढ़ाकर 8% प्रतिशत किया गया।

आटा चक्की, आईल, थ्रेसर, एक्सपेलर के लिए 3% से बढ़ाकर 4% किया गया।

क्यों लाया गया विधेयक –

जानकारों की मानें तो सरकार कोयला और ईंधन की दरों में वृद्धि के चलते ऊर्जा प्रभार में बढोत्तरी कर रही है. पिछले कुछ दिनों से बिजली कंपनियां भी कीमतें बढ़ाने की मांग कर रहीं थी. सोमवार को चर्चा के दौरान बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ऊर्जा प्रभार में बढ़ोतरी को लेकर सरकार को घेरा. चंद्राकर ने कहा कि विद्युत शुल्क में बढ़ोत्तरी कर सरकार अपनी जेब भरने जा रही है. इसके पहले गौठनों के सेस, कोरोना सेस शराब पर सेस लगाकर लूटा गया.

सदन रहा हंगामेदार –

बता दें कि छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र का आज चौथा दिन है. लेकिन पहले ही दिन से सदन हंगामेदार चल रहा है. सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच कई मुद्दों पर लगातार जमकर बहस देखने को मिली है. चौथे दिन छत्तीसगढ़ विधुत शुल्क संसोधन विधेयक-2022 और जमीनों पर अवैध कब्जे का मामला गरमाया रहा. ऐसे में आगे भी सदन के हंगामेदार होने के पूरे आसार हैं.

akhilesh

Chief Reporter

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