23 साल का सफर हुआ खत्म, ‘ मिताली राज ‘
– भारतीय विमंस क्रिकेट टीम की कप्तान मिताली राज ने इंटरनेशनल क्रिकेट के सभी फार्मेट्स से संन्यास ले लिया है। उन्होंने ट्वीट कर यह जानकारी दी। मिताली ने सभी को उनके प्यार और समर्थन के लिए धन्यवाद दिया है। उन्होंने लिखा कि वे अपनी दूसरी इनिंग्स पर ध्यान देंगी। हालांकि, उन्होंने यह जाहिर नहीं किया है कि यह दूसरी पारी क्या होगी।
मिताली राज ने टीम इंडिया के लिए पहला मैच 26 जून 1999 को खेला था।
23 साल का करियर हुआ खत्म
मिताली राज ने टीम इंडिया के लिए 26 जून 1999 को डेब्यू किया था। वो पिछले 23 साल से भारतीय टीम के लिए खेल रही थी। 39 साल की मिताली ने टीम इंडिया के लिए 10,000 से ज्यादा रन बनाए हैं। उन्होंने साल 2000 में भारत के लिए पहला विश्व कप खेला था। इसके बाद 2005, 2009, 2013, 2017 और 2022 में भी वो टीम इंडिया के लिए मैदान पर खेलने उतरीं। सबसे ज्यादा विश्व कप खेलने के मामले में मिताली ने न्यूजीलैंड की पूर्व क्रिकेटर डेब्बी हॉकली और इंग्लैंड की चार्लोट एडवर्ड्स को पीछे छोड़ा था। मिताली के बाद झूलन गोस्वामी भारत के लिए सबसे ज्यादा विश्व कप खेलने वाली खिलाड़ी हैं। उन्होंने भी भारत के लिए पांच विश्व कप में भाग लिया है।
मिताली राज के आलावा सचिन तेंदुलकर भारत के लिए एकमात्र क्रिकेटर हैं जिन्होंने छह विश्व कप खेले हैं। सचिन भारत के लिए 1992 से लेकर 2011 तक भारत के लिए छह विश्व कप खेले और अपने आखिरी विश्व कप में जीत हासिल की। 39 साल की मिताली राज को महिला क्रिकेट का सचिन कहा जाता है।
मिताली टीम इंडिया के लिए 10 हजार से ज्यादा रन बनाने वाली एकमात्र खिलाड़ी हैं।
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मिताली राज ने अपने ट्वीट के साथ एक चिट्ठी भी पोस्ट की
संन्यास लेते हुए मिताली राज ने एक चिट्ठी ट्वीट की है और इसमें उन्होंने लिखा, ‘भारतीय नीली जर्सी पहनने के लिए मैंने एक छोटी बच्ची की तरह शुरुआत की थी क्योंकि अपने देश का प्रतिनिधित्व करना सबसे बड़ा सम्मान है। इस यात्रा में मैंने अच्छा और बुरा सब देखा है। हर एक घटना ने मुझे कुछ नया सिखाया है। यह 23 साल मेरे लिए सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण, सुखद और परिपूर्ण रहे हैं। सभी यात्राओं की तरह इसे भी खत्म होना था। मैं आज अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सभी फॉर्मेट्स से संन्यास ले रही हूं।’
उन्होंने आगे कहा, ‘मैंने जब भी मैदान पर कदम रखा, हमेशा अपना सबसे अच्छा प्रदर्शन करने की कोशिश की। मेरा इरादा हमेशा भारत को जीताने का रहा। मैं तिरंगे का प्रतिनिधित्व करने के लिए मिले हर मौके को अपने साथ संजोकर रखूंगी। मैं महसूस करती हूं कि मेरे करियर को समाप्त करने का यह सही समय है। भारतीय टीम योग्य और हुनरमंद युवा खिलाड़ियों के हाथों में है। भारतीय क्रिकेट का भविष्य सुनहरा है। मैं भारतीय महिला क्रिकेट टीम की खिलाड़ी और कप्तान के तौर पर बीसीसीआई और श्री जय शाह सर से मिले समर्थन के लिए उन्हें धन्यवाद देना चाहूंगी।
इतने सालों तक भारतीय टीम की कप्तानी करना मेरे लिए सम्मान की बात है। इसने मुझे एक बेहतर इंसान के रूप में ढाला है। मैं उम्मीद करती हूं कि इस दौरान भारतीय महिला क्रिकेट को भी एक बेहतर रूप मिला होगा। यह यात्रा यहां खत्म होती है लेकिन एक नई यात्रा शुरू होगी। मैं इस खेल में बने रहना चाहती हूं। मैं इस खेल से प्यार करती हूं। मुझे भारत और पूरी दुनिया में महिला क्रिकेट की बढ़ोत्तरी के लिए योगदान देने में खुशी होगी। मेरे सभी फैंस का बहुत धन्यवाद।’ आप सभी के प्यार और समर्थन के लिए धन्यवाद।’