रमन सिंह सरकार…भ्रष्ट अधिकारियों को बचाने में लगी है…
रायपुर। चिटफंड और नान मामले की जांच के लिए ईडी को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पत्र लिखने पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि विपक्ष में रहने के दौरान और अब महत्वपूर्ण संवैधानिक पद पर होने के बाद भी जिम्मेदारी लेने की बजाए आप झूठे आरोप लगा रहेे हैं. पहले आप जन घोषणा पत्र के वादों से पलटे, फिर आरोपी अधिकारियों पर कार्रवाई से पलटे, लेकिन अब बंदरों की तरह गुलाटी मारने से काम नहीं चलेगा. पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के चिटफंड और नान मामलों की जांच के लिए ईडी को पत्र लिखे जाने के बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि आज प्रदेश में कांग्रेस सरकार को बुनियाद हिलती नजर आ रही है, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बयानों में परिवर्तन और बौखलाहट यह स्पष्ट संकेत हैं कि अब इस कांग्रेस सरकार का दोहरा चरित्र जल्द ही उजागर होने वाला है. उन्होंने कहा कि 2017 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल और नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंह देव ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था. इस पत्र को लिखने वालों में से आज एक प्रदेश का मुख्यमंत्री है, तो दूसरा कैबिनेट मंत्री. दोनों ने लिखा था कि नान मामले के मुख्य आरोपी आईएएस अनिल टुटेजा और आलोक शुक्ला के खिलाफ ईडी द्वारा एफआईआर कर तुरंत गिरफ्तारी हो. आज इन दोनों अधिकारियों को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में बड़े-बड़े वकीलों की फौज क्यों खड़ी की जा रही है. पूर्व मुख्यमंत्री ने सवाल किया कि पत्र में जिस आईएएस आलोक शुक्ला को 2017 में भूपेश बघेल ने नान मामले का मुख्य आरोपी मानकर देश के प्रधानमंत्री को पत्र लिख रहे थे, उस अधिकारी को संविदा पर नियुक्त देकर पहले छत्तीसगढ़ शासन का महत्वपूर्ण पद क्यों सौंपा गया? भूपेश बघेल को यह जवाब देना होगा दोनों अधिकारियों को शासन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देकर संरक्षण क्यों दिया है? 2017 में जो अधिकारी नान के मुख्य आरोपी लगते थे, उनका नाम आज नहीं लेते. ऐसी क्या सांठगांठ है? इसकी जांच होनी चाहिए.