छत्तीसगढ़राज्य

तालाब पर राखड़ माफ़िया का कब्ज़ा? सरपंच–सचिव ने तोड़ी सुप्रीम कोर्ट की हदें

जांजगीर-चांपा जिले के ग्राम कल्याणपुर में एक सरकारी तालाब पर निजी कंपनी द्वारा राखड़ (फ्लाई ऐश) से पाटने का मामला चर्चा में है। ग्रामीणों का कहना है कि यह तालाब पहले गाँव की जलसंचयन अहम साधन था, लेकिन अब इसे पूरी तरह पाटकर समतल ज़मीन में बदल दिया गया है।

स्थानीय लोगों का आरोप है कि सरपंच और सचिव ने नियमों की अनदेखी कर निजी कंपनी को राखड़ डालने की अनुमति दे दी, जबकि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार इस तरह के जलस्रोतों को न तो पाटा जा सकता है और न ही दूसरी जगह बदला जा सकता है।

जानकारी के अनुसार, ग्राम पंचायत कल्याणपुर के सरपंच और सचिव ने 7.77 लाख रुपये की पुनर्निर्माण राशि जमा भी नहीं की है, जबकि पंचायत ने अनुमति देने के समय यह शर्त रखी थी। फिलहाल 500 ट्रक राखड़ का ढेर तालाब में है और मछली पालन जैसे कार्य ठप पड़ गए हैं।

ग्रामीणों ने इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री को भी की है। उनका कहना है कि तालाब के पुनर्निर्माण की समयसीमा 2025 तक तय की गई थी, लेकिन आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इससे पंचायत पर भी सवाल उठ रहे हैं।

उधर अधिकारियों का कहना है कि इस मामले की जाँच चल रही है और दोषियों पर नोटिस जारी किया जाएगा। वही अकलतरा जनपद के सीईओ का कहना है कि उनके पास कार्रवाई का अधिकार नहीं है और वह केवल उच्च अधिकारियों को जानकारी भेज सकते हैं।

ग्रामीणों की माँग है कि तालाब को तत्काल बहाल किया जाए और जिम्मेदार जनप्रतिनिधि और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो, ताकि भविष्य में जलस्रोतों के साथ इस तरह की लापरवाही न हो।

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