आईआईटी भिलाई से ट्रेनिंग लेकर बस्तर को चमका रहे युवा, युवाओं के लिए विशेष कार्यशाला का आयोजन…
भिलाई। आईआईटी भिलाई में सशक्त परिवर्तन बापी ना उवत दो दिवसीय युवा नेतृत्व कार्यशाला कराई गई। आईआईटी के बैनर तले हुए इस कार्यक्रम में बस्तर के युवा शामिल हुए। कार्यक्रम आईआईटी भिलाई के इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी फाउंडेशन और यूनिसेफ के सहयोग से कराया गया। इस कार्यशाला के जरिए युवा स्वयंसेवकों को सामुदायिक विकास, मानसिक स्वास्थ्य, और प्रभावी सहभागिता के लिए आवश्यक ज्ञान, कौशल और प्रेरणा दी गई।
इसके अलावा उन्हें डिजिटल वित्तीय साक्षरता, मानसिक स्वास्थ्य, सुरक्षित इंटरनेट प्रथाओं, सामुदायिक गतिशीलता और स्वास्थ्य देखभाल जागरूकता जैसे विषयों पर विचार-विमर्श का एक मंच दिया गया। प्रशिक्षण का यह दूसरा चरण था। कार्यशाला में उद्यमी और वित्तीय विशेषज्ञ भोलानाथ सेठ ने डिजिटल वित्तीय साक्षरता पर सेशन लिया। उन्होंने वित्तीय प्रणाली को प्रभावी ढंग से समझने और प्रबंधित करने की जानकारी दी। कोच अपर्णा माथुर ने मानसिक स्वास्थ्य सत्र लिया। आईआईटी भिलाई कंप्यूटर साइंस के सहायक प्राध्यापक डॉ. धिमन साहा ने सुरक्षित इंटरनेट प्रथाओं पर जानकारी दी।
दंतेवाड़ा जिले को स्वास्थ्य, स्वच्छता, शिक्षा और पोषण के क्षेत्र में बेहतर बनाने के लिए अब वहीं के फ्रंटलाइन युवा इनफ्लुएंसर्स काम करेंगे। इन युवाओं को नायक और नायिका नाम दिया गया है, जो गांवों में ग्रामीणों के बीच पहुंचकर उनकी वेलफेयर जरूरतों का ख्याल रखेंगे। इन नायक और नायिका को ट्रेनिंग देने की जिम्मेदारी आईआईटी भिलाई को दी गई है। इसके तहत यह कार्यशाला कराई जा रही है।
प्रोग्राम का नाम है, बापी ना उवैट। कार्यशाला से सीखकर गए ट्रेंड युवा अब दंतेवाड़ा जिले के गांव-गांव में जाकर महिलाओं को ब्रेस्ट फीडिंग, चाइल्ड हेल्थ, मासिक धर्म हाईजीन जैसी जानकारियां देंगे। गर्भवती महिलाओं की कंडीशन जानेंगे साथ ही जरूरत पड़ने पर उन्हें अस्पताल पहुंचाने में भी मदद करेंगे।
प्रशासन को मिलेगा डाटा
अभी तक दंतेवाड़ा के गांवों में बापी यानी दादी मां हुआ करती हैं, जो महिलाओं की गर्भवस्था से लेकर बच्चों को अपने नुस्खों से ठीक करती आ रही है। यही काम अब क्षेत्र के युवा डिजिलट लिटरेसी और आधुनिक समझ के साथ करेंगे। पुराने समय तक प्रशासन के पास दंतेवाड़ा जिले के हालात का कोई भी पुख्ता आंकड़ा मौजूद नहीं था, लेकिन यह समस्या अब आईआईटी ने दूर कर दी है। आईआईटी भिलाई की मदद से एक खास मोबाइल ऐप तैयार किया गया है।
जिसे नायक और नायिकाओं को दिया जाएगा। यह नायक जैसे ही गांवों में पहुंचकर लोगों तक वेलफेयर पहुंचाएगा, उसकी एंट्री ऐप में करेंगे। इस ऐप की मदद से मिलने वाले डाटा को आईआईटी एनालिसिस करके प्रशासन को भेजेगा जिससे जिले में बुनियादी सुविधाओं और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने काम किए जा सकेंगे। गुरुवार को इस ऐप का लोकापर्ण दंतेवाड़ा कलेक्टर ने किया।
यह प्रोजेक्ट दुनिया के नामी एनजीओ यूनीसेफ ने डिजाइन किया है, जिसको दंतेवाड़ा जिले में लागू करने के बाद बस्तर संभाग के सभी जिलों में पहुंचाने की योजना है। इस प्रोजेक्ट की शुरुआत से पहले आईआईटी भिलाई ने दंतेवाड़ा जिले का दो बार दौरा किया। यहां जिला कलेक्टर, यूनीसेफ पदाधिकारी और ग्रामीणों से चर्चा की। इसके बाद नायक और नायिकाओं के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम को डिजाइन किया।