चार साल के ग्रेजुएशन वाले सिर्फ एक साल में कर लेंगे बीएड, जानें नए नियम
भिलाई। बीएड अगले साल से एक साल का होगा। हालांकि यह छूट उन्हीं विद्यार्थियों को मिलेगी, जिन्होंने या तो स्नातक स्तर पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत चार साल का पाठ्यक्रम पूरा किया है या फिर उन्हें जिन्हें स्नातक और उसके बाद पीजी की पढ़ाई की है और अब बीएड करना चाहते हैं।
दुर्ग जिले के 32 बीएड कॉलेजों में यह नई पद्धिति शैक्षणिक सत्र 2026-27 से लागू करने की तैयारी है। इसको लेकर राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) को एनसीटीई ने मसौदा भेज दिया है। जिस पर रिव्यू करने के बाद इसे अगले सत्र से लागू करने की चर्चा चल रही है।
एनसीटीई ने राज्य एससीईआरटी से 8 मार्च तक मसौदे पर रिव्यू या आपत्ति मांगी है। एससीईआरटी से एनओसी मिलते ही इसे राज्य के बीएड कॉलेजों में अमल में लाया जा सकेगा। इसके लिए नए सिरे से दो अलग-अलग तरह के सिलेबस भी तैयार किए जाएंगे। इसके अलावा सामान्य बीएड पाठ्यक्रम अपनी जगह पर पहले की तरह ही संचालित होता रहेगा।
अभी चल रहा दो साल का कोर्स
अभी एनईपी-2020 के आने से पहले सभी कॉलेजों में दो वर्षीय बीएड कोर्स चल रहा है। नए नियमों के बाद दो वर्षीय बीएड प्रोग्राम में इसका विस्तार होगा। इन कॉलेजों को मल्टी डिस्पिलनरी प्रोग्राम शुरू करने होंगे। नियम को पूरा न करने वाले कॉलेजों में यह कोर्स बंद हो जाएगा। इसके लिए चार साल का समय दिया गया है।
नए शिक्षा सत्र में अब बीएड एक वर्ष का होगा
नए नियमों के मुताबिक पीजी के बाद एक साल में बीएड की जा सकेगी। खास बात यह है कि करीब 11 साल बाद एक वर्षीय बीएड प्रोग्राम फिर शुरू होगा। एनसीटीई ने स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार, नई शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 और 2047 विकसित भारत लक्ष्य के तहत यह रेग्यूलेशन-2025 तैयार किया है।
नए तहत स्कूली शिक्षा को चार भागों (फाउंडेशन, प्रीपेटरी, मिडिल और सेकेंडरी स्टेज) में बांटा गया है। इन चार अलग-अलग हिस्सों के अनुसार ही शिक्षक तैयार होंगे। यानी प्राइमरी से मिडिल और हायर सेकंडरी सभी के लिए शिक्षकों को बीएड के अलग-अलग कोर्स करने होंगे।