कर्मचारी की निलंबन अवधि भी मानें ड्यूटी का हिस्सा, हाई कोर्ट ने दिया आदेश…
बिलासपुर। हाईकोर्ट ने एक मामले में आदेश दिया है कि कर्मचारी की निलंबन अवधि को भी ड्यूटी का हिस्सा माना जाएगा। जस्टिस बीडी गुरु की सिंगल बेंच ने राज्य शासन के उस आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें कर्मचारी के निलंबन अवधि को ड्यूटी का हिस्सा न मानते हुए शत-प्रतिशत रिकवरी का आदेश जारी कर दिया था। रायगढ़ वन मंडल में कार्यरत फॉरेस्टर दिनेश सिंह राजपूत की याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने रिट याचिका को स्वीकार करते हुए राज्य शासन के आदेश को खारिज कर दिया। दिनेश सिंह ने अधिवक्ता संदीप दुबे, आलोक चंद्रा के माध्यम से याचिका दायर बताया कि वे वन मंडल रायगढ़ में वनपाल के पद पर कार्यरत हैं।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन एवं जलवायु परिवर्तन वन विभाग द्वारा 5 सितंबर 2022 के आदेश को चुनौती देते हुए याचिका में कहा कि निलंबन की अवधि को कर्तव्य नहीं माना गया है। याचिकाकर्ता ने छत्तीसगढ़ राज्य प्रमुख सचिव, छ.ग. वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के उस आदेश पर सवाल उठाया है जिसमें याचिकाकर्ता के आवेदन को खारिज करते हुए अपीलीय अधिकारी के आदेश को बरकरार रखा।
यह है मामला
दिनेश सिंह 2 जनवरी 2015 से 2 जुलाई 2019 तक एतमानगर रेंज के पोंडी सब-रेंज के अंतर्गत कोंकणा बीट के अतिरिक्त प्रभार के साथ बीट गार्ड बरौदखर के पद पर तैनात था। याचिकाकर्ता को तथ्य व जानकारी छिपाने और गुमराह करने के आरोप में 2 जुलाई 2019 से निलंबित कर दिया गया। अध्ययन के बाद 8 मई 2020 को मुख्य वन संरक्षक बिलासपुर वन वृत्त ने निलंबन आदेश को निरस्त कर दिया। याचिकाकर्ता ने बताया कि उसे 312 दिनों अर्थात 10 माह 7 दिन के लिए निलंबित रखा गया।
भेदभावपूर्ण कार्रवाई का आरोप
विभागीय जांच में जांच अधिकारी ने आरोप को आंशिक रूप से प्रमाणित पाया तथा छग सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम, 1966 के नियम 10(5) के अंतर्गत याचिकाकर्ता के वेतन से 17,467 रुपए की वसूली करने के अलावा 3 वेतन वृद्धि संचयी प्रभाव से रोकने का आदेश जारी कर दिया। याचिकाकर्ता ने विभाग के आला अधिकारियों पर भेदभावपूर्ण आदेश जारी करने का आरोप लगाया।