पोर्श कार से टक्कर मारने वाले को 14 घंटे में जमानत, कोर्ट बोला:- दुर्घटनाओं पर निबंध लिखें”
महाराष्ट्र। पुणे के पोर्श कार हादसे (Pune Porche Car Accident) में युवक-युवती की मौत मामले में कोर्ट ने आरोपी नाबालिग को घटना के 15 घंटे अंदर ही जमानत दे दी। हादसा 18 मई को हुआ था। आरोपी पुणे के नामी बिल्डर का बेटा बताया जा रहा है। वह 17 साल 8 महीने का है।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, कार की टक्कर से बाइक सवार लड़की हवा में कई फीट उछलकर जमीन पर आ गिरी थी और युवक पास खड़ी दूसरी कार में जा टकराया था। उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी।
पोर्श की रफ्तार 200 किमी/घंटा थी:-
लोगों ने ये भी बताया कि घटना की जानकारी मिलने के 15 मिनट के अंदर पुलिस मौके पर पहुंच गई थी। हम लोगों ने कार सवार लड़कों को पकड़ा था। वे नशे में थे। एक लड़का भाग गया था। घटना के वक्त उनकी कार की स्पीड 200 किमी प्रति घंटे थी।
कुछ शर्तों के साथ आरोपी को जमानत:-
तेज रफ्तार पोर्श और मोटरसाइकिल की टक्कर पुणे के कोरेगांव पार्क इलाके में 18-19 मई की मध्य रात लगभग 2:30 बजे हुई थी.वही कोर्ट ने नाबालिग को हिरासत में लेने के 14 घंटे के अंदर कुछ शर्तों के तहत बेल दे दी गई.
बेल की शर्तें हैं-
– आरोपी को 15 दिनों तक ट्रैफिक पुलिस के साथ काम करना होगा.
– आरोपी को मनोचिकित्सक से इलाज कराना होगा.
– आरोपी को ‘सड़क दुर्घटनाओं के प्रभाव और इसके समाधान’ विषय पर 300 शब्दों का निबंध लिखना होगा.
– नशामुक्ति केंद्र में पुनर्वास.
– यातायात नियमों का अध्ययन कर उस पर किशोर न्याय बोर्ड को प्रेजेंटेशन देना होगा.
– अगर आरोपी भविष्य में कोई भी दुर्घटना देखता है, तो उसे पीड़ितों की मदद करनी होगी.
बता दें कि आरोपी की तेज रफ्तार पोर्श से जिस बाइक को टक्कर लगी, उस पर अनीस दुधिया और अश्विनी कोस्टा नाम के दो लोग सवार थे. पुलिस की FIR के मुताबिक, अश्विनी कोस्टा की मौके पर ही मौत हो गई थी, वहीं अनीस दुधिया ने हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया.
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पीड़ित परिवार बोला- ‘हास्यास्पद हैं बेल की शर्तें’
मृतक अनीस दुधिया के रिश्तेदार ने नाबालिग आरोपी को जमानत दिए जाने की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि बेल की जो शर्तें हैं, वो हास्यास्पद हैं. उन्होंने आगे कहा,
“आरोपी को जुवेनाइल बोलकर छोड़ दिया गया है. जो बेल की कंडीशन है, वो 5वीं क्लास के बच्चे को भी पढ़ा दिया जाता है. आरोपी 3 करोड़ की कार चलाता है. अगर कोई आम आदमी होता तो फंस जाता. बिजनेस टाइकून का बेटा है इसलिए छूट गया.”
वहीं पुणे के पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने बताया,
“एक्सीडेंट की घटना में IPC की धारा 304 (लापरवाही से किसी की मौत का कारण बनना) के तहत मामला दर्ज किया गया था. आरोपी जुवेनाइल था, इसलिए हमने कोर्ट को एप्लिकेशन दिया था कि नाबालिग पर एडल्ट की तरह केस चलाया जाए. कोर्ट ने इसकी परिमिशन रिजेक्ट कर दी थी. अब हम कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ आगे अपील कर रहे हैं.”
उन्होंने बताया कि CCTV फुटेज से साफ हुआ है कि नाबालिग आरोपी ने शराब पी थी. गाड़ी आरोपी के पिता के नाम पर थी. पुलिस कमिश्नर ने बताया कि नाबालिग आरोपी के पिता और उसको शराब देने वाले पब के खिलाफ अलग से मामला दर्ज किया गया है.