बोर्ड एग्जाम के लिए जनवरी के पहले सप्ताह से विशेष कोचिंग, तैयारी में जुटा शिक्षा विभाग
राजनांदगाव। जिले के बोर्ड परीक्षार्थियों के परीक्षा परिणाम में सुधार के लिए शिक्षा विभाग इस साल नया प्रयोग करने जा रहा है। अभी दिसंबर में होने वाले अर्द्धवार्षिक परीक्षा के परिणाम को सभी स्कूलों को अलग-अलग गूगल सीट पर मंगवाया जा रहा है। इन बच्चों को तीन श्रेणी में बांटा जाएगा। उसके बाद उन्हें परीक्षा की तैयारी कराई जाएगी। इसके लिए 35 विषय विशेषज्ञों की मदद ली जाएगी। इस साल 10वीं और 12वीं के 5-5 बच्चों को बोर्ड की मेरिट सूची में लाने का भी लक्ष्य लेकर शिक्षा विभाग द्वारा काम किया जा रहा है।
शिक्षा विभाग से मिली जानकारी अनुसार 80 फीसदी से अधिक अंक लाने वाले चिन्हांकित बच्चों को जिला स्तर पर तैयारी कराई जाएगी। 70 फीसदी से अधिक अंक वाले बच्चों के लिए ब्लाक स्तर पर काम किया जाएगा। वहीं कम अंक लाने वाले और फेल होने वाले बच्चों को स्कूल में ही उनके शिक्षकों द्वारा विशेष रूप से तैयारी कराएंगे।
राजनांदगांव डीईओ प्रवास बघेल ने बताया बोर्ड एग्जाम के परीक्षा परिणाम में सुधार के लिए इस बार कुछ नया प्रयोग किया जा रहा है। बच्चों को प्रीपेयेशन लीव नहीं दिया जाएगा। इसी बीच उन्हें विषय विशेषज्ञों द्वारा कोचिंग दी जाएगी। इसके लिए विशेषज्ञों की टीम तैयार की जा चुकी है।
इस दौरान नहीं मिलेगी छुट्टी
विद्यार्थियों को बोर्ड एग्जाम के लिए जनवरी के पहले सप्ताह से विशेष कोचिंग दी जाएगी। वहीं बोर्ड के विद्यार्थियों की फरवरी में प्रायोगिक परीक्षा के बाद तैयारी के लिए छुट्टी दे दी जाती है, लेकिन इस साल ऐसा नहीं होगा। उन्हें इसी दौरान विषय विशेषज्ञों द्वारा तैयारी कराई जाएगी। इसके लिए शिक्षा विभाग द्वारा तैयार की ब्लूप्रिंट के संबंध में सभी स्कूलों को जानकारी दी जा चुकी है। इस बीच प्री-बोर्ड परीक्षा भी ली जाएगी। इसके लिए पिछले चार सालों के परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों का एक प्रश्न बैंक तैयार किया गया है।
सीबीएसई बोर्ड के विद्यार्थियों की परीक्षा फरवरी में शुरू हो जाएगी और माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा मार्च में परीक्षा ली जाएगी। बोर्ड के विद्यार्थियों को परीक्षा शुरू होने के पांच दिन पूर्व ही स्कूलों से प्रवेश पत्र जारी किया जाएगा। बता दें कि शिक्षा सत्र 2023-24 में जिले से एक ही बच्चा माशिमं के मेरिट सूची में जगह बनाने में सफलता पाई थी, इसमें अब सुधार लाने का लक्ष्य लेकर शिक्षा विभाग द्वारा काम किया जा रहा है।