राइस मिलर्स और ब्रोकर्स के ठिकानों पर छापा, 8 करोड़ की ब्लैकमनी सीज
रायपुर। आयकर विभाग को राइस मिलरों और ब्रोकरों के ठिकानों से बरामद करीब 8 करोड़ रुपए की ब्लैकमॅनी को सीज कर लिया है। दूसरे दिन गुरुवार को उनके रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, नवापारा-राजिम, धमतरी, तिल्दा, महाराष्ट्र के गोंदिया और आंध्रप्रदेश के काकीनाडा में सभी 25 ठिकानों में चल रही है। तलाशी के दौरान 14 बैंक लॉकर, ज्वेलरी, बोगस बिलिंग के दस्तावेज, प्रापर्टी, निवेश और कच्चे में कारोबार करने पेपर्स मिले है।
इन सभी के संबंध में पूछताछ कर जानकारी जुटाई जा रही है। साथ ही मूल्यांकन किया जा रहा है। बताया जाता है कि अब तक की जांच में राइस मिलरों और ब्रोकरों की 500-700 करोड़ की चल-अचल संपत्तियां मिली हैं। इन सब के दस्तावेजों को जांच के दायरे में लिया गया है। बताया जाता है कि राइस मिलर और ब्रोकरों द्वारा टैक्स चोरी करने अधिकांश कारोबार कागजों में किया जा रहा था।
छत्तीसगढ़ में कारोबार गोंदिया में बिलिंग
टैक्स चोरी करने के लिए राइस मिलर और ब्रोकर छत्तीसगढ़ में कारोबार का महाराष्ट्र के गोंदिया से फर्जी बिलिंग और पर्चा बनाते थे। इसके जरिए ही 50 फीसदी काम कच्चे में किया जा रहा था। स्थानीय स्तर पर धान-चावल और कस्टम मिलिंग में हेराफेरी करते थे। इसमें से अच्छी क्वालिटी के चावल को विदेश भेजा जाता था। वहीं डिमांड के अनुसार देशभर के अन्य कारोबारियों से लेनदेन करते थे। बताया जाता है कि एक राज्य में कारोबार कर पडो़सी जिले गोंदिया में अपने ब्रोकर के जरिए कच्चे में बिलिंग कराई जाती थी।
ठेकेदार के ठिकाने पर सर्वे
मुख्य आयकर आयुक्त कार्यालय की 25 सदस्यीय टीम ने रायपुर के रिंग रोड स्थित सड़क निर्माण ठेकेदार से ठिकाने पर गुरूवार दोपहर 1 बजे दबिश दी। इस समय टीम लेनदेन के दस्तावेजों कम्प्यूटर, लैपटॉप और दस्तावेजों की जांच कर रही है। प्राथमिक जांच के दौरान बड़ी संख्या में कच्चे कारोबार करने के इनपुट मिले है।
बोगस बिलिंग के दस्तावेजों को आईटी की टीम जांच करने के साथ जब्त कर रही है। ठेकेदारों द्वारा झारखंड और बिहार में सड़क बनाने के साथ ही रायपुर रेलवे स्टेशन के रेनोवेशन का काम भी किया जा रहा है। बता दें कि पिछले साल अमन साव गैंग ने इसी सड़क ठेकेदार के रिंग रोड स्थित में फायरिंग कर फिरौती की रकम मांगी थी।