राष्ट्रीयस्वास्थ्य

लोगो ने प्रयास से जुटाए 16 करोड़, फिर भी नहीं बच पाई मासूम वेदिका कि जान…

पुणे । वेदिका, वो बच्ची है जिसके लिए कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया में  लोगों ने 16 करोड़ रूपये जुटाकर विदेश से इंजेक्शन मंगवाया था | 11 माह की वेदिका को स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (एसएमए टाइप ई-1) नमक बीमारी थी । डेढ़ महीने पहले ही वेदिका को इलाज के लिए जरूरी 16 करोड़ रुपये का इंजेक्शन (zolgensma injection) दिया गया था, लेकिन इससे भी वेदिका की जान नहीं बच सकी. वेदिका की मौत रविवार रात को हुई.वेदिका के पिता सौरभ शिंदे ने कहा कि इंजेक्शन देने के बाद उसकी हालत में धीरे-धीरे सुधार हो रहा था, लेकिन रविवार (1 अगस्त) को उसका ऑक्सीजन लेवल अचानक गिर गया और उसे सांस लेने में तकलीफ होने लगी थी, तभी उसे पास के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन इस दौरान ही उसकी मौत हो गई|

 

मासूम वेदिका के इलाज के लिए देशभर से 16 करोड़ रुपयों की आर्थिक मदद जुटाई गई थी. वेदिका का इलाज करवाने के लिए अमेरिका से 16 करोड़ रुपये का इंजेक्शन मंगवाया गया था. इस दौरान केंद्र सरकार ने इस इंजेक्शन के आयात शुल्क को माफ कर दिया था . वेदिका के परिवार वालों को फरवरी के अंत में स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी बीमारी का पता चला था, जिसे लेकर परिवार वालों ने वेदिका का इलाज पुणे के दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में शुरू किया. पूरे देश की आर्थिक मदद से उसे 15 जून को 16 करोड़ का इंजेक्शन लगाया गया और 16 जून को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई, 11 महीने की वेदिका शिंदे का रविवार को निधन हो गया |

 

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