नवागढ़ को सौ बिस्तर अस्पताल की सौगात, बजट में किया प्रावधान, वित्त मंत्री ने की घोषणा
बेमेतरा। वित मंत्री ओमप्रकाश चौधरी ने सोमवार को बजट प्रस्तुत किया, जिसमें नवागढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को सौ बिस्तर की सौगात देने की बात कही। बजट में अस्पताल का ध्यान रखा जाना जनहित के बड़ा कदम है पर उससे कहीं अधिक जरूरी है समय पर सार्थक उपचार मिलना। कुछ माह पूर्व सड़क दुर्घटना में जब बीस से अधिक लोग घायल हुए तब उन्हें नवागढ़ अस्पताल लाया गया।
अस्पताल पहुंचने पर एक बेड में दो घायलों को लिटाकर इलाज किया गया। कुछ निजी अस्पताल भेजे गए, जिसके बाद से यह अनुभव किया गया कि पचास बिस्तर से कुछ नहीं होता मायने बिस्तर नहीं स्तर रखता है। अब सौ बिस्तर का सौगात मिल गया है। उम्मीद है कि अस्पताल के दिन बेहतर होंगे। लोगों को चिकित्सा सुविधा पहले से बेहतर मिलेगी।
नवागढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अस्पताल अधीक्षक, खंड चिकित्सा अधिकारी, मेडिसिन विशेषज्ञ, सर्जरी विशेषज्ञ, स्त्री रोग विशेषज्ञ, निश्चेतना विशेषज्ञ, चिकित्सा अधिकारी के तीन पद, नर्सिंग सिस्टर, स्टाफ नर्स के सोलह, खंड विस्तार प्रशिक्षण अधिकारी एनएमएस, पर्यवेक्षक पुरुष, ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक पुरुष, संगणक, सहायक ग्रेड तीन, फार्मा ग्रेड दो, मेडिकल लेब टेक्नालाजिस्ट के दो, डेंटल टेकनेशियन, रेडियो ग्राफर, ड्रेसर, वाहन चालक,भृत्य, वार्ड ब्वाय, आया, चौकीदार सहित कई पद रिक्त हैं। नवागढ़ ब्लाक के दूसरे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मारो की तस्वीर तो अत्यंत दुखद है। स्टाफ अपना सिर छिपाने छत पर पालीथीन ढंक कर गुजारा करते हैं।
इस अस्पताल में खंड चिकित्सा अधिकारी, सामान्य सर्जन, मेडिकल विशेषज्ञ, स्त्री रोग विशेषज्ञ, शिशु रोग विशेषज्ञ, निश्चेतना विशेषज्ञ, दंत चिकित्सा अधिकारी एवं चिकित्सा अधिकारी का एक पद, नर्सिंग सिस्टर, स्टाफ नर्स के चार, खंड विस्तार प्रशिक्षण अधिकारी, दंत सहायक, फार्मा ग्रेड दो का एक, मेडिकल लेब टेक्नालाजिस्ट के दो, रेडियो ग्राफर ड्रेसर, वाहन चालक, सहित चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के सात पद भी रिक्त हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नांदघाट में ट्रामा सेन्टर खोलने की घोषणा की थी इसकी स्वीकृति के पत्र एवं राशि प्रावधान की जानकारी सार्वजनिक हुई थी पर आजतक अमली जामा नहीं पहनाया जा सका। रायपुर बिलासपुर मार्ग में नांदघाट में बेहतर चिकत्सा सुविधा समय की मांग है। नवागढ़, मारो में स्त्री एवं शिशु रोग विशेषज्ञ का न होना चिंताजनक है।