बड़ी ख़बर: नेवई फायरिंग कांड का मुख्य आरोपी मुकेश पंक्चर अंततः चढ़ा पुलिस के हत्थे…रायपुर के इस इलाके में छुप कर रह रहा था आरोपी…
भिलाई (वीएनएस)। नेवई फायरिंग कांड का मुख्य आरोपी मुकेश पंक्चर को पुलिस ने अंतत: एक माह बाद रायपुर से गिरफ्तार कर ली है। आरोपी के रायपुर आने जाने की इनपुट पुलिस को मिली थी। इसके बाद टीम ने रायपुर में घेराबंदी कर आरोपी मुकेश पंक्चर को गिरफ्तार किया। बुधवार को एएसपी संजय धु्रव ने प्रेसवार्ता के माध्यम से इसका खुलासा किया। मामले में एक और आरोपी मुकुल सोना को पुलिस पूर्व मे नालंदा बिहार से गिरफ्तार किया था। वहीं एक और आरोपी नागेन्द्र अभी फरार है।
ज्ञातव्य हो कि गत माह 5 जुलाई को रात्रि 12 बजे मामले के प्रार्थी बृजेश राय उर्फ पिंकी राय पर अज्ञात व्यक्तियों द्वारा थाना नेवई क्षेत्र के टंकी मरोदा बस्ती में फायरिंग की थी। एसपी प्रशांत अग्रवाल ने घटना स्थल पर उपस्थित आला पुलिस अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये। उनके द्वारा एक विशेष टीम सीएसपी भिलाई नगर के नेतृत्व में 04 निरीक्षक, 25 अधिकारी/कर्मचारी को शामिल कर किया गया।
घटना में प्रयुक्त कार एवं आरोपियों के संबंध में पतासाजी हेतु शहर के 50 से अधिक सीसीटीवी कैमरा का फुटेज प्राप्त कर विश्लेषण किया गया। इसके पश्चात घटना में प्रयुक्त लाल रंग की संदिग्ध मारूती 800 कार की तलाशी में टीम लगाया गया। जिसके तहत टोल नाके, आईटीएमएस कैमरे, शहर में 800 कार के मालिकों की जानकारी, मैकेनिक की जानकारी, पार्टस विक्रेताओ की जानकारी इक्कठी की गई एवं जिले के तमाम निगरानी बदमाशों, सजायाबता अपराधियों की लिस्टींग कर उनको थाना बुलाकर कड़ाई से पुछताछ किया गया। शहर में अवैध देशी कटटा, पिस्टल के मामलो में पूर्व के आरोपियों एवं उनके सहयोगियों की जानकारी लिया गया। इसके बाद आरोपियो की पहचान मुकुल सोना उर्फ सोनू तथा उसके दो सहयोगी मुकेश सिंह उर्फ पंचर निवासी इलाहाबाद नागेन्द्र कुमार निवासी नालंदा बिहार के रूप में हुई। पहचान के बाद इनकी गिर तारी के प्रयास हेतु इनके संबंधित ठिकानों पर तत्काल दबिश दी गई। घटना बाद से ही अपने ठिकानो से तीनो आरोपी फरार मिले।
चूकि अज्ञात आरोपियो की पहचान हो चूकी थी अत: पुलिस ने इस प्राथमिक सफलता उपरांत गिर तारी के प्रयास तेज कर दिया। आरोपी पूर्व में अपहरण के मामले में चालान हो चुके थे इसलिए इनके साथी दरानो की पहचान कर पुछताछ की जा रही थी। अभी पुलिस अपनी कार्यवाही को आगे बढा ही रही थी कि पांच दिन बाद 10 जुलाई को नेवई थाना क्षेत्र के रिसाली इलाके में शाम 7:00 बजे करीब पुन: तीन हवाई फायर कर पुलिस के लिए एक और चुनौती देकर फरार हो गये। आरोपियो द्वारा की गई फायरिंग के बाद दुर्ग पुलिस के द्वारा आरोपियों की गिर तारी हेतु लगातार दबिश दी गई। उक्त घटना के बाद आरोपियों के धरपकड पतासाजी हेतु उनके हर संभावित ठिकाने पर टिटलागढ उडिसा, धमतरी, कुरूद, केशकाल, कांकेर, नागपूर, रायपुर, नंदिनी अहिवारा सहित दुर्ग भिलाई शहर के करीबन 40 ठिकानों पर दबिश दी गई। इसी दौरान आरोपियों द्वारा सोशल मिडिया, फेसबुक, इंस्टाग्राम के माध्यम से क्षेत्र में अपना दबदबा कायम करने के लिए एवं प्रार्थी को जान से मारने की धमकी दी गई एवं इसके माध्यम से पुलिस के इन्वेस्टीगेशन को गुमराह करने का भी प्रयास किया गया जिसे सायबर सेल के द्वारा सोशल मिडिया क्रैक कर उनकी योजना को विफल कर दिया गया।
यह है पूरा मामला
इस मामले की शुरुआत हिस्ट्रीशीटर बृजेश राय पर 5 जुलाई की रात फायरिंग से हुई थी। जहां मुकेश, मुकुल और नागेंद्र ने रिसाली के मरौंदा टैंक के पास रात करीब 12 बजे बृजेश राय की कार पर फायरिंग कर दी। लेकिन गनीमत यह रही कि गोली बृजेश को नहीं लगी, गोलियां कार में जाकर धस गईं, पुलिस ने इसे पहले कार का विवाद बताया था, लेकिन ष्टष्टञ्जङ्क फुटेज में मुकुल सोना के दिखने के बाद जांच का रुख ही बदल गया था। इसके बाद पुलिस इससे पहले की आरोपियों तक पहुंच पाती, 10 जुलाई की रात नेवई भाठा में फिर तीनों ने फायरिंग कर दी थी। इस वारदात में शामिल एक आरोपी अब भी फरार है।