छत्तीसगढ़

अब भी पूरा नहीं हुआ उठाव, 22 फीसदी धान अब भी जाम…

राजनांदगांव। राजनांदगांव जिला सहित मानपुर-मोहला-अंबागढ़ चौकी और खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में सहकारी सोसाइटियों के माध्यम से समर्थन मूल्य में खरीदे गए धान का उठाव अब तक पूरा नहीं हो पाया है।

शेष बचे धान का उठाव कराने की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ सहकारी कर्मचारी समिति संघ ने मंत्रालय रायपुर पहुंचकर मार्कफेड के एमडी, खाद्य सचिव, सहकारिता विभाग, वित्त विभाग और मुयमंत्री के सचिव को ज्ञापन सौंपा है। सहकारी समिति कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र साहू के नेतृत्व यह ज्ञापन दिया गया है।

संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि 31 जनवरी खरीदी की अंतिम तिथि थी। सभी उपार्जन केंद्रों से धान उठाव के लिए 28 फरवरी निर्धारित की गई थी, जो पूरी हो चुकी है। अब मार्च का भी सप्ताहभर बीत चुका है। इसके बाद भी मार्कफेड द्वारा धान के उठाव या परिवहन नहीं कराया गया है। जबकि उपार्जन केंद्रों में बचे हुए धान को मार्कफेड अपने हैंडओवर करें इस संबंध में मंत्रालय से निर्देश प्राप्त हुआ है, लेकिन स्थानीय मार्कफेड के अधिकारी इस संबंध में गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं और उल्टा सहकारी समितियों को ही उठाव तक रख-रखाव से लेकर तौल की जिमेदारी दे दिए हैं, जिससे की समितियों को नुकसान की संभावना बनी हुई है।

समितियों का कहना है कि मार्कफेड बचे हुए धान का तौल कराए और अपने हैंडओवर में रखते हुए उसके रख-रखाव की जिमेदारी ले। इसके बाद समितियों में रखे धान की जिमेदारी उनकी नहीं होगी। इसी मांग को लेकर मंत्रालय पहुंचकर सचिवों को ज्ञापन दिया गया है। संघ से मिली जानकारी अनुसार राजनांदगांव जिले में 22 फीसदी धान का उठाव अब तक नहीं हुआ है। वहीं एमएमएसी जिले के उपार्जन केंद्राें में अब भी 40 से 45 फीसदी धान पड़ा हुआ है। उधर केसीजी जिले की बात की जाए तो सोसाइटियों में 25-30 फीसदी धान पड़ा हुआ है, जिसके उठाव को लेकर समितियों ने चिंता जताई है।

akhilesh

Chief Reporter

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