राम जानकी मंदिर ट्रस्ट गिधवा में मनाया जाएगा जन्माष्टमी…
Janmastami 2023:- राम जानकी मंदिर, ग्राम-गिधवा में हर साल जन्माष्टमी का त्योहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इस वर्ष जन्माष्टमी का पर्व गुरुवार, 7 सितंबर 2023 को है. इस बार जन्माष्टमी के अवसर पर कई वर्षों के बाद ऐसा संयोग बना है जोकि बहुत ही दुर्लभ है. श्रीमद्भागवत पुराण के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्र कृष्ण अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र एवं वृष राशि में मध्य रात्रि में हुआ था.
राम जानकी मंदिर ट्रस्ट के पुजारी पं. मनीष शर्मा ने बताया कि इस वर्ष जन्माष्टमी का त्योहार गुरुवार, 7 सितंबर 2023 को मनाया जाएगा. जानकारी के अनुसार, इस दिन श्रीकृष्ण की 5250 वीं जन्माष्टमी मनाई जाएगी. इस बार की जन्माष्टमी काफी महत्वपूर्ण होने वाली है. पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है. मान्यता है कि जन्माष्टमी पर व्रत रखने से भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त होता है. साथ ही भक्तों के जीवन से सभी कष्ट दूर होते हैं. भगवान श्रीकृष्ण के आशीर्वाद से निसंतान महिलाओं को संतान की प्राप्ति होती है.
जन्माष्टमी पूजा विधि:-आचार्य जी ने बताया कि, जन्माष्टमी व्रत में अष्टमी के उपवास से पूजन और नवमी के पारण व्रत की पूर्ति होती है. इस व्रत के एक दिन पहले यानी सप्तमी के दिन हल्का और सात्विक भोजन ही करना चाहिए. व्रत वाले दिन प्रातः स्नान आदि से निवृत होकर सभी देवताओं को नमस्कार करें. पूर्व या उत्तर की ओर मुख करके बैठ जाएं. हाथ में जल, फल और पुष्प लेकर व्रत का संकल्प लें. मध्यान्ह के समय काले तिल का जल छिड़क कर देवकी जी के लिए प्रसूति गृह बनाएं. अब इस गृह में सुंदर सा बिछौना बिछाकर उस पर कलश स्थापित करें. भगवान कृष्ण और माता देवकी जी की मूर्ति या सुंदर चित्र स्थापित करें. देवकी, वासुदेव, बलदेव, नन्द, यशोदा और लक्ष्मी जी का नाम लेते हुए विधिवत पूजन करें. यह व्रत रात 12 बजे के बाद ही खोला जाता है. इस व्रत में अनाज का उपयोग नहीं किया जाता. फलाहार के रूप में सिंघाड़े के आटे का हलवा खा सकते हैं.
जन्माष्टमी पर करें मोर पंख के ये उपाय:- जन्माष्टमी के दिन एक मोर पंख आपका भाग्य बदल सकता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मोर पंख में शुभ ऊर्जा होती है। मोर पंख भगवान कृष्ण के मुकुट पर रखा जाता है। इसलिए ऐसा माना जाता है कि घर में मोर पंख रखने से कई समस्याओं का समाधान हो सकता है। मान्यता है कि मोर पंख के प्रयोग से शनि का प्रकोप, राहु की दशा और वास्तु दोष को दूर किया जा सकता है।
कृष्ण जन्माष्टमी पूजा महत्व:-मान्यता है कि पृथ्वी लोक पर कंस के बढ़ रहे अत्याचारों को खत्म करने और धर्म की स्थापना के लिए जन्माष्टमी के दिन भगवान विष्णु ने कृष्ण के रूप में अपना 8वां अवतार लिया था। कृष्ण जन्माष्टमी के दिन पूरे श्रद्धा भाव से व्रत रखने और पूजा करने से भगवान श्रीकृष्ण सबकी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। साथ ही संतान प्राप्ति के लिए कृष्ण जन्माष्टमी व्रत करना बहुत अच्छा माना जाता है।