शहर के क्लीनिकों में स्वास्थ्य विभाग की दबिश, झोलाछाप डॉक्टराें पर कार्रवाई जारी…
राजनांदगाव। शहर में संचालित गैर कानूनी ढंग से संचालित दवाखाना और क्लीनिकों में बुधवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दबिश दी। नर्सिंग होग एक्ट की टीम ऐसे दवाखानों में पहुंचकर उसके संचालक को नोटिस देकर आश्वयक दस्तावेज और संबंधित डॉक्टर की डिग्री के संबंध में पूरी जानकारी देने कहा है। बताया गया कि उनके द्वारा सभी जरूरी और वैध दस्तावेज नहीं मिलते हैं, तो नर्सिंग होम एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नेतराम नवरतन ने कहा कि यह कार्रवाई शहर से लेकर गांवों में लगातार जारी रहेगी। ताकि मरीजों की जान से खिलवाड़ करने वाले गैर लाइसेंस धारी और गैर डिग्रीधारी झोलाछाप डॉक्टराें पर नकेल कसी जा सके।
बुधवार को टीम शहर के विभिन्न क्लीनिक और दवाखानों में पहुंची। संचालकों को नर्सिंग होम एक्ट का पालन नहीं करने पर क्लीनिक व दवाखानों को बंद करने की चेतावनी दी गई। इस दौरान मुय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नेतराम नवरतन स्वयं मौजूद रहे। बता दें कि शहर सहित जिले में इस तरह अवैध रूप से संचालित क्लीनिक और दवाखाना के संबंध में ‘पत्रिका’ प्रमुखता से खबरें प्रकाशित की है।
खबर प्रकाशित होने के बाद ही स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिलेभर में क्लीनिक संचालित करने वाले कथित डॉक्टरों की पूरी कुंडली तैयार करने स्वास्थ्य विभाग की ओर से जानकारी जुटाई जा रही थी। इसके तहत निर्धारित प्रोफार्मा में संबंधितों से जानकारी मांगी गई थी। अब स्वास्थ्य विभाग सती के मूड में हैं। गैर कानूनी ढंग से संचालित क्लीनिकों में ताला लगना लगभग तय माना जा रहा है।
इन क्लीनिकों में पहुंची टीम
टीम शहर नया बस स्टैंड सतनाम भवन के पास संचालित राजेश लारिया के आरोग्यम सुपर स्पेशलिटी क्लीनिक, मोतीपुर आजाद चौक में एलसी देवांगन द्वारा संचालित मां परमेश्वरी दवाखाना, बसंतपुर के शर्मा क्लीनिक (शैलेष शर्मा) और चंद्रेश साहू के आस्था क्लीनिक, डॉ. केयूरा जैन के आर्शीवाद डेंटल क्लीनिक, डॉं. विशाल गंगवानी के होयोपैथिक क्लीनिक पहुंचकर जांच-पड़ताल की है। यहां संबंधित को आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए नोटिस दी गई है। वांछित दस्तावेज निर्धारित समय पर सप्ताहभर के भीतर प्रस्तुत नहीं किए जाने पर छग नर्सिंग होम एक्ट के तहत क्लीनिक/दवाखाना बंद करने की कार्रवाई करने की चेतावनी दी है।
शहर सहित जिलेभर में ऐसे कई मेडिकल भी हैं, जो गैर कानूनी ढंग से संचालित किए जा रहे हैं। वहां भी ड्रग विभाग के दस्तक की जरूरत है। कुछ मेडिकल ऐसे हैं, जहां नियम विपरीत प्रतिबंधित दवाओं को बेचा जा रहा है, तो कुछ ऐसे मेडिकल हैं, जहां एलोपैथिक दवा नहीं बेचनी है, लेकिन धड़ल्ले से बेचा जा रहा। कुछ डॉक्टर भी गैर कानूनी ढंग से अपने अस्पताल, दवाखाना या क्नीनिक में दवाइयां बेच रहे हैं।