विश्वास से भगवान प्राप्त होते है, नहीं तो चढ़ाया हुआ जल भी व्यर्थ है
राजनांदगाव। क्षेत्र के हालेकोसा में शिवभक्ति की अविरल धारा बहा रही है। कथा श्रवण करने रोजाना श्रद्धालुओं का पंडाल में तांता लग रहा है। तीसरे दिन भी कथा पंडाल में दो दिनों की अपेक्षा भीड़ अधिक रही। कथा का रसपान करने के लिए सीएम विष्णुदेव साय की धर्म पत्नी कौशल्या साय भी पहुंची हुईं थीं।
शिव का दूसरा नाम है विश्वास
कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने बताया कि जब तक प्रभु की कृपा दृष्टि न हो, तब तक आपका शिव की भक्ति प्राप्त नहीं होगी। इस पवित्र पावन भूमि हालेकोसा में महादेव की उदारता ही है, जो इतने कम समय में यहां दूसरी बार उन्हें स्मरण करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। जब तक प्रभु का करुणा न हो उदारता न हो यह संभव नहीं है। शिव का दूसरा नाम है विश्वास, भगवान तब प्राप्त होते हैं, जब विश्वास हो। आपको यदि विश्वास नहीं है, तो चढ़ाया हुआ जल व्यर्थ हो जाएगा।
भगवान शिव को पाने का तरीका अलग-अलग है, विश्वास रूपी शिव समाया हुआ है। शबरी ने सुना था राम आएंगे, भगवान को प्रेम से जो भी भोजन कराया जाए सब कुछ ग्रहण कर लेते हैं। उन्होंने कहा कि आज के मनुष्य में पाप, अनाचार इतना बढ़ गया, जिसमें सुधार की जरूरत है। घर के बूढ़े मां की सेवा करो, जिस तरह बचपन में खाने की ललक होती है, वैसे ही बूढ़ापे में खाने ललक होती इसलिए अपने बूढ़े मां-बाप की सेवा कर आशीर्वाद प्राप्त करो। राम और शिव नाम के लेखन से भी मन एकाग्र हो जाता है। मन संयम हो जाता है।
कथावाचक पंडित मिश्रा ने कहा कि कथा करो सत्संग करो। कथा श्रवण भी भक्ति है, सत्संग से ही भगवान की प्राप्ति होती है। हम जितना कथा को सुनाते हैं, उसे मन में उतारते चलो। पानी को देखने से प्यास नहीं मिटती। भजन करने से अहंकार और तृष्णा मिट जाएगी।
महिला को मां व बहन से संबोधित करो
एक संत, साधु-सन्यासी व पक्का शिवभक्त स्त्री को मां, बहन और दीदी कहकर संबोधित करता है। संसार की प्रत्येक स्त्री अन्नपूर्णा है। संसार में जितने उपासक हैं मां से ही संबोधित करेंगे। संत की श्रेष्ठता इसी में है। उन्होंने कहा कि बाबा शंकर दयालु है। मन लगाकर उपासना करने से सभी मनोकामना पूर्ण करते हैं। वे अगम ज्ञानी है, उन्हें भलीभांति मामूम है कि उनके भक्तों को क्या चाहिए। उनकी भक्ति में अवश्य समय लग रहा होगा, लेकिन सही समय आने पर वे सुनेंगे और भोले भंडारी आपका भंडार भर देंगे।