भिलाई-दुर्ग में नहीं चलेगी सिटी बस, 10 करोड़ की बसें हो जाएंगी कबाड़
भिलाई। भिलाई में सिटी बस चलने की संभावना पर विराम लग गया है। अब ई-बसों के सपने में पुरानी बसों को कबाड़ करने की तैयारी शुरू हो गई है। भिलाई नगर निगम आयुक्त ने एजेंसी को पत्र लिखकर बसें सुपेला स्थित डिपो में खड़ी करने के लिए कहा है। 10 करोड़ की बसें बिना उपयोग कंडम होती रही, अब कबाड़ बनाने की योजना है। दुर्ग जिला अर्बल पब्लिक सर्विस सोसायटी के माध्यम से सस्ती दर पर यात्रियों को सिटी बस सेवा उपलब्ध करवाने के लिए नगर निगम आयुक्त ने आखिरी प्रयास करते हुए नवंबर 2024 में शासन को परमिट के लिए पत्र लिखा था।
दावा किया जा रहा था कि परमिट मिलते ही बसों का संचालन शुरू हो जाएगा। भिलाई-दुर्ग के शहरी और ग्रामीण अंचल में अलग-अलग मार्गों में सिटी बस संचालित होने लगेंगी। दो माह के भीतर जब परमिट नहीं मिला और ई-बस को लेकर कवायद तेज हुई तो निगम ने एजेंसी को वाइंड अप करने कह दिया।
10 करोड़ की बसें हो जाएंगी कबाड़
निगम से निर्देश मिलने के बाद एजेंसी ने बसों को सुपेला स्थित बस डिपो में लाकर खड़ी करना शुरू कर दिया है। इस तरह से 10 करोड़ की सिटी बस अब पूरी तरह से कबाड़ होने के लिए यहां आकर खड़ी हो रही है। पिछले 2 साल से सिटी बस के परमिट के लिए कलेक्टर से लेकर आयुक्त तक प्रयास करते रहे, लेकिन शासन से परमिट नहीं मिलने की वजह से इसके पहिए खड़े-खड़े ही कबाड़ में तब्दील हो गए।
बस चलाने परमिट ही नहीं मिला डेढ़ करोड़ खर्च कर बस तैयार
दुर्ग जिला अरबन पब्लिक सर्विस सोसायटी ने बसें चलाने के लिए नवा रायपुर स्थित क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार कार्यालय से परमिट के लिए 18 अप्रैल 2023 को प्रस्तावित समयचक्र में मांगा। इसके मुताबिक सिटी बसों का संचालन किया जाना था। एजेंसी को वहां से परमिट नहीं मिला। दुर्ग से कुम्हारी व आसपास के क्षेत्रों के लिए सिटी बस चलाया जाना था। इसके लिए सिटी बस संचालन करने वाली एजेंसी का कहना है कि उन्होंने 14 बसों को डिपो से निकालकर तैयार करने में करीब डेढ़ करोड़ रुपए खर्च किया। अब ये बसें धूल खा रही है।
तत्कालीन कलेक्टर ने की थी आरटीओ से बात – इस मामले में तत्कालीन दुर्ग कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने आरटीओ, रायपुर से सिटी बस के परमिट के विषय पर जुलाई 2023 में चर्चा की थी। उन्होंने बताया था कि जल्द परमिट मिल जाएगा। आम लोगों के लिए जल्द सिटी बस शुरू हो जाएगा। लेकिन वक्त गुजरता गया और सब भूलते गए।
चुनाव कार्य में किया जा सकता था उपयोग
10 करोड़ की सिटी बस सुपेला डिपो में खड़े-खड़े सड़ रही है। निगम इन बसों के रख-रखाव करवाने के बाद विभागीय उपयोग करता, तो आज ये कंडम नहीं होते। इन बसों का उपयोग सरकारी काम के साथ चुनाव कार्य आदि के लिए भी किया जा सकता था।
सिटी बस को किया जा रहा वाइंड अप
भिलाई निगम भागीरथ वर्मा ने कहा शहर में अब ई-बस का संचालन होना है। इस वजह से सिटी बस को वाइंड अप किया जा रहा है। एजेंसी को सुपेला डिपो में बसें लाकर रखने कहा गया है।