रायपुरराष्ट्रीय

एमेजॉन(Amazon) और फ्लिपकार्ट(Flipkart) के तत्काल जांच की मांग

रायपुर | कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीड़िया प्रभारी संजय चौंबे ने बताया कि अब जब कि ई-कॉमर्स नियमों के मसौदे पर हितधारकों से सभी सुझाव प्राप्त हो गए हैं, इसलिए अब बिना किसी और विलम्ब के केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय को उक्त सुझावों पर विचार कर तुरंत ई-कॉमर्स नियमों को अधिसूचित करना चाहिए, ताकि भारत में ई-कॉमर्स व्यवसाय को सही तरीके से चलाया जा सके जिससे न केवल छोटे व्यापारी बल्कि देश के आम उपभोक्ता भी उसका पूर्ण लाभ उठा सकें – यह कहते हुए कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आज केंद्रीय बाणिज्य एवं उपभोक्ता मामलो के मंत्री पियूष गोयल को भेजे एक पत्र में कहा है, की देश के ई-कॉमर्स व्यापार में व्याप्त विसंगतियों को दूर करने हेतु ई-कॉमर्स नियमों को तुरंत जारी किया जाए। इस बीच कैट ने गोयल से यह भी आग्रह किया है, की कर्नाटक हाई कोर्ट द्वारा हाल ही में अमेज़न एवं फ्लिपकार्ट द्वारा दायर याचिका जिसमें सीसीआई द्वारा जांच पर रोक लगाने की मांग की गई थी, उसको खारिज कर दिया है, ऐसे में श्री गोयल सीसीआई को जांच तुरंत शुरू करने का निर्देश दें। गोयल को भेजे पत्र में कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री अमर पारवानी एवं प्रदेश अध्यक्ष  जितेन्द्र दोशी ने कहा की राखी से दिवाली तक जल्द शुरू होने वाले आगामी त्योहारी सीजन के मद्देनजर,  ई-कॉमर्स के नियमों को तुरंत अधिसूचित किया जाना आवश्यक है जिससे देश में एक स्वस्थ एवं पारदर्शी ई कॉमर्स व्यवस्था कायम हो सके और जिसका लाभ न केवल छोटे व्यापारी बल्कि आम उपभोक्ता भी उठा सकें लेकिन उससे पहले कुछ बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों की दादागिरी को ख़त्म  करना बेहद जरूरी है। ई-कॉमर्स  व्यवसाय के वार्षिक कारोबार का लगभग 50 प्रतिशत व्यापार इसी त्योहारी सीजन की अवधि के दौरान होता है। इस तरह के त्योहार की अवधि के महत्व को देखते हुए, ई-कॉमर्स व्यवसाय को इस तरह से विनियमित किया जाना चाहिए जिससे गैर-भेदभावपूर्ण और पारदर्शी व्यापार प्रणाली हो सके।

 

पारवानी और दोशी ने कहा कि विचाराधीन नियम भारत में ई-कॉमर्स व्यवसाय के संचालन के तौर-तरीकों और मानकों का स्पष्ट दस्तावेज हैं और भारत के ई-कॉमर्स और खुदरा व्यापार को नियंत्रित करने के लिए कुछ वैश्विक ई-टेलर्स की दीर्घकालिक रणनीति को नष्ट करेंगे तथा भारत में  एक समान के स्तर और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का व्यापारिक माहौल बनाएंगे। कुछ निहित स्वार्थ समूहों द्वारा प्रस्तावित नियमों का अतार्किक और अनावश्यक विरोध उनका अनर्गल प्रलाप है, जिसका कोई आधार नहीं है। यह कंपनियां समझ लें की भारत के 8 करोड़ व्यापारी पूरी तरह सतर्क हैं और किसी भी सूरत में किसी भी ई-कॉमर्स कम्पनी को देश के ई कॉमर्स व्यवसाय का अपहरण नहीं करने देंगें।

 

Read More : मुख्यमंत्री के इस्तीफे से गरमाई राजनीति…आलाकमान के आदेश पर दिया इस्तीफा… बोले-इस्तीफा का फैसला मेरा, आज ही करूंगा राज्यपाल से मुलाकात

Admin

Reporter

Follow Us

Follow us on Facebook Follow us on Twitter Subscribe us on Youtube