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पचपेड़िया तालाब का सबूत सामने, फिर क्यों झूठ बोल रहे अधिकारी?

जांजगीर-चांपा जिला के अकलतरा ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत कल्याणपुर के पचपेड़िया तालाब के बारे में जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के द्वारा बार-बार यह कहने के बावजूद कि पचपेड़िया तालाब का कोई रिकॉर्ड नहीं है। अब सरकारी दस्तावेज़ ने उनकी बातों की सच्चाई उजागर कर दी है। मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) के तहत 10 अप्रैल 2012 को स्वीकृत कार्य (वर्क कोड: 3314005049/WC/81014608) में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि पचपेड़ी तालाब गहरीकरण, 2 नाग पचरी निर्माण। इस परियोजना को जल संरक्षण श्रेणी में रखा गया था और इसे कल्याणपुर पंचायत अकलतरा ब्लॉक जांजगीर-चांपा जिला में पूरा किया गया था।

दस्तावेज़ के अनुसार, तालाब निर्माण पर ₹7,77,901.16 खर्च किए गए, जिसमें ₹5,62,844 मजदूरों की मजदूरी, ₹23,820 कुशल श्रमिकों के भुगतान और ₹1,91,237.16 सामग्री पर खर्च दर्ज है। कार्य की अनुमानित लागत ₹9.19 लाख थी और इसे तीन माह में पूरा करने का लक्ष्य था।

अब बड़ा सवाल यह है कि जब सरकारी रिकॉर्ड में तालाब की पूरी जानकारी मौजूद है, तो फिर वह तालाब आज कहाँ है? ग्रामीणों के मुताबिक, कुछ भ्रष्ट अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत से तालाब को राखड़ डालकर पाट दिया गया।

यह न केवल सरकारी धन की बर्बादी है, बल्कि जल संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण कार्य के साथ छल भी है। आश्चर्य की बात यह है कि राज्य के संबंधित अधिकारी और मंत्री अब तक ऐसे लोगों को बचाने में लगे हैं, जबकि दस्तावेज़ साफ़ बता रहे हैं कि तालाब बना था और अब गायब है।

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